सृष्टि की निर्मीती-जननी है ये, यह जो आधी आबादी है मतलब जैसे हमारे पुरुष भाई है वैसे ही, उनके बराबर ही दुनिया में, इस धरती पर हमारी स्त्री बहन भी है ! Motivational Poem Nari Shakti Par Kavita Hindi Mein, Nari Ki Mahima Par Kavita नारी-शक्ति समर्पित नारी शक्ति पर कविता हिंदी में, द्वारा यह बताना चाहती हूं कि, जैसे एक पुरुष में जान होती है, भावनाये होती है वैसे ही स्त्री, महिला में भी जान होती है, भावनाये होती है, अजी ये भी तो जिंदा होती है…!!!पेश है, नारी की महिमा पर कविता, Nari Shakti Par Kavita
नारी शक्ति पर कविता हिंदी में, Nari Ki Mahima Par Kavita
कहने का मतलब इतना ही है कि ये भी हर एक क्षेत्र में समान हक की हकदार होती है…जिसे आज भी अपने छोटे-छोटे हक की भी लड़ाई लड़नी पड़ती है, समझौता करना पड़ता है…! जागरूक नागरिक की तरह हमें इस बात का ध्यान रहे कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान हक दिया जाए और उनका सम्मान किया जाए । Poem Nari Shakti Par Kavita Hindi Mein ये नारी-शक्ति समर्पित नारी शक्ति पर कविता हिंदी में, सृष्टि की निर्मीती-जननी है ये, नारी की महिमा पर कविता Nari Shakti Par Kavita, poem है ! जिसे सामाजिक संदेश के साथ नारी शक्ति को समर्पित कर रही हु!
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नारी शक्ति पर कविता हिंदी में/Nari Shakti Par Kavita Hindi Mein
नारी की महिमा पर कविता / Nari Ki Mahima Par Kavita,
“सृष्टि की निर्मीती-जननी है ये”
समानता का अधिकार मांगती,
ये भी तो आधी आबादी है…!!
शिव-पार्वती सम,
ये भी अर्धांगिनी है…!!(1)
वासतल्य का ये गहना है
घर की गृह लक्ष्मी ये..,
बुरी नजरों को रोक दो..,
ये भी इंसानी बस्ती है…!!(2)
कोख मे न मारो कलीयों को…
न दहेज की भेंट चढाओ…,
शरीर पर हक ऊसका है…,
जबरदस्ती हक न जताओ…!!(3)
जब चूडियों वाले ये हाथ…,
हिम्मत का गहेना पहेनेंगे…,
वध ऊन भेडियोंका निश्र्चित होगा…,
जब नारी शक्तिका एहसास होगा..!!(4)
माँ, पत्नी, बहेन या हो दोस्त
हरेक रूप मे नारी का सम्मान हो…।
समान अधिकार की हकदार है…,
सृष्टि की निर्मीती-जननी है ये…!!(5)
एसा बल दो हे माँ दुर्गा,काली,चामुंडा,
राक्षसी प्रवृत्तिओं के कलेजे काँप उठे,
सब घर मंगल सुख-संपदा फलनारी,
असूरी शक्तिओंकी तू सदा विनाशीनी हो..!! (6)
-जय माँ शक्ति,
नारी शक्ति पर कविता हिंदी में, नारी की महिमा पर कविता
Samanta ka adhikar mangti…,
ye bhi to aadhi aabadi hai…!!
shiv-parvti sam..,
ye bhi ardhangini hai….!(1)
Vastaly ka ye gahna hai
ghar ki grah laxmi ye
buri najron ko rokh do
ye bhi insaani basti hai…!(2)
Kokh mein na maaro kaliyon ko…
na dahej ki bhent chadhao…,
sharir par hak usaka hai…,
majaburan hak na jaatao…!!(3)
Jab choodiyo vaale ye haath…,
himmat ka gahana pahenenge…,
vadh un bhediyonka nishchit hoga…,
jab naari shaktika ehasaas hoga..!!(4)
Maa, patni, bahan ya ho dost
harek rup mein naari ka sammaan ho
samaan adhikaar ki hakdaar hai
srshti ki nirmiti-janani hai ye…!!(5)
Aisa bal do, maa durga, kaali, chaamunda,
raakshasi pravrttiyon ke kaleje kaanp uthe,
sab ghar mangal sukh-sampada phalanari,
aasuri shaktiyon ki tu sada vinaashini ho (6)
-jay maa shakti,
आप भी अपने विचार इस women’s नारी की महिमा पर कविता के लिए हमें comment कमेंट करके बता सकते हैं! नारी शक्ति का सम्मान सदा कायम रहे यही हम कामना करते हैं ! May god shakti always bless you to all. Thanks, friends for reading this Inspiring सृष्टि की निर्मीती-जननी है ये, नारी शक्ति पर कविता हिंदी में, नारी की महिमा पर कविता, Nari Shakti Par Kavita Hindi Mein Poem Nari Ki Mahima Par Kavita Hindi.