jain Religion Suvichar

jain Religion Suvichar Jain Thoughts

Jain Religion Suvichar Thoughts द्वारा हम कुछ बेहतरीन Jain Tirthankar भगवान की स्तुति को पेश करते है ! तीर्थंकर भगवान वो सिद्ध आत्मा मानी जाती है जो जन्म-मरन के चक्रव्यू से मुक्त हो के मोक्ष स्थित है ! उन तीर्थंकर भगवान के चरित्र से, आदर्श से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है, ताकि हम भी अपने जीवन मे satisfaction को पा सके और life को सुकून से जी सके ! निम्न पक्तियों मे Mahaveer भगवान सहित सभी तीर्थंकर परमात्मा को नमन और उनकी स्तुति तथा positive thoughts, jain Religion Suvichar positive Thoughts पेश करते है ! जिसे समजकर जीवन मे अपनाए और life के satisfaction को समजे, यही मेरी आप सभी से विनंती है !

Jain Religion Suvichar

वही जशे तमारापण आँखमांथी, jain Suvichar

वही जशे तमारापण आँखमांथी आँसूंनी धारा ....,

ओ महाविदेहवासी श्री सिमंधर दादा...,

भरतक्षेत्र आवीने तो जुओ ....!!!

नहीं तो अमने महाविदेह बोलावी तो ल्यो !!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com 
 
आपकी प्रतिमा ही ...,jain Religion Suvichar

आपकी प्रतिमा कुछ ...., एसी रोशनी फैलाती है ...,

आपके वचन जीवन को धन्य क्यों न बनाए !!

करूणासागर, वीर तु करूणा कुछ यूं बरसाए....,

अधमसे अधम की भी अकल तु ठिकाने ले आए !!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

कर्म सत्ता नही करेगी भेद..,jain Religion 
 Suvichar

कर्म सत्ता नही करेगी भेद अपने और पराये का...,
 
करलो चेक बेलेन्स अपने अपने सारे कर्मों का...,

चूकाना तो पड़ेगा ही टेक्स कर्म की इनकम का..,

 नही चलेगी वहाँ कोई टैक्स की चोरी, क्योंकि...   

डिजिटल है पहेले से ही कर्म सत्ता हमारी ....!!! 

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

तारों अने मारो सगपण ,jain Religion Suvichar

 तारों अने मारो सगपण ....,
  
 तो बहुज जुनो छे प्रभु ...!!

एटलेज तो तू आजे पण .....,
  
 मारा मनमाज वस्यो छे ....!!

कोयनीये ताकाद नथी .....,
   
पलभर पण विसारी दे मनथी मारा,
  
तारा दर्शन शास्त्रथीज तो जीती जाऊ छुँ,
    
हुँ संसारना युद्ध सारा ....!!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
 

वैसे तो बहोत कुछ ,jain Religion Suvichar

वैसे तो बहोत कुछ है ईस जहान मे ,

पर प्रभू तेरे सिवा सब कुछ शून्य है ,

ये तो मेरी खुशकिस्मती है की .....,

मेरे ह्रदय मे तेरे सिवा कुछ नही है !!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

हरेक प्राणी मात्र पर दया दिखलाए वो ,jain Religion Suvichar

हरेक प्राणी मात्र पर दया दिखलाए वो धर्म होता है ,

अपने कर्मों का हिसाब रखा जाए वो धर्म सिखाता है ,

"सर्वे भवंतु सुखिनाम्" की भावना धर्म जगाता है ,

"सवी जीव करू शासन रसी” चेतना मौक्ष दिलाता है !

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

तूज मूख निरखीने हुँ धन्य थई  ,jain Religion Suvichar

तूज  मूख  निरखीने  हुँ  धन्य थई  जाऊ छुँ प्रभु ,

ए भाग्य छे म्हारा के पंचमकाले पण हुँ तूझने ध्याऊ छुँ ,

तारी साक्षी ए आजे आ प्रण लऊँ  छुँ  प्रभु के ,

शासन प्रभावना माटेज बस  लेतो रहू हर एक श्र्वास,

-जय जिनेंद्र....meenajain.com 

 
वीर तारू शरणू मल्यू केवा !! jain Religion Suvichar

वीर तारू शरणू मल्यू केवा म्हारा भाग्य जाग्या !!

नाथ तारों उपदेश सांभळी भवोभवना पाप दूरे भाग्या !!

तारी सूक्ष्म बुध्दि मारी आँखोंमा आंजळ घालती !!

"केवी रीते जीवु आ जिंदगी".....,

 ए तारा विना मने कोण सीखावे ....!!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

हैयामा ऊंडे ऊतरीने ,jain Religion Suvichar

हैयामा ऊंडे ऊतरीने जोवी लेवू पोतानाज ...,

बीजे कही जोवानी पछी जरूरत न थाय ....!!

वसी जाय एक वार जो प्रभुजी .....,

ए हैया मा कोनीए वसाहत पछी कदीए न थाय ....!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

कितने भवभ्रमणा के बाद.....jain Religion Suvichar

कितने भवभ्रमणा के बाद मिला है यह मानव देह......

बार -बार ठोकर खाकर भी,सुधरता नहीं है यह जीव......

सुख-दु:ख की चंचलता तो रात और दिन बयाँ करती है!!

सुख मे  संयमी और दु:ख में समाधी ही शोभा देती है!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com
  

सत्य, दया, अहिंसा, jain Religion Suvichar

सत्य, दया, अहिंसा, के

 करूणावतार है महावीर ...!!

तूझ ज्ञानप्रकाश से हुई ..., 

सदा प्रज्वलित ये सृष्टी ....!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com 
 

किसीने धूल क्या झोंकी आँखों मे, jain ReligionSuvichar

किसीने धूल क्या झोंकी आँखों मे,

पहेले से भी बेहतर दिखने लगा,

स्वार्थ की पोलिटिक्स समझते है बखूबी ....,

पर महावीर की करूणा ने मौनव्रत थमा दिया ....!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com  


जिनका नाम मात्र लेने से,jain Religion Suvichar

जिनका नाम मात्र लेने से...,

हमारा रोम हर्षित होता है....!!

पंचमकाल मे भी जिनका...., 

हमें शासन नसीब हुआ है....!!

-जय जिनेंद्र....meenajain.com  


सर्व जीवों को अभयदान की jain Religion Suvichar

सर्व जीवों को अभयदान की....,

जो सीख दे गए है करूणानिधान...!! 

अद्वितीय, अवर्णनीय ऐसे...., 

तीर्थंकर  परमातमा को नमन.... !! 

-जय जिनेंद्र....meenajain.com  

Jain Religion Suvichar Post पढ़ने के लिए धन्यवाद दोस्तों….!! इस तरह और भी Suvichar और Positive thoughts हम आपके लिए लिखते रहेंगे ! आप जरूर पढ़िएगा, उन्हे अपनी life मे उतारने की कोशिश करिएगा और खुश रहिएगा … !! आपके positive thoughts भी यहा Comment section मे share कर सकते है, ताकि औरों को भी उससे motivation मिले

यह स्तुति रूपी Jain Religion Suvichar आपको कैसे लगे जरूर Comment section मे लिखिएगा , धन्यवाद , जयजिनेंद्र

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