women rights in india
women rights in india in hindi

Happy International Women’s Day, to all lovely women…दोस्तों हम इस Article मे women’s rights in india के बारे मे जानेंगे। legal rights of women क्या है, हम उनके बारे मे इस Article मे विस्तृत मे पढ़ेंगे।
What are the women rights available for women’s protection in India ? इस सवाल का answer भी हमे मिल जाएगा, ताकि women’s protection in india को हम अपनी Responsibility समजे और हर क्षेत्र मे Womens का Respect करे। (MSW, SET,NET, अभ्यर्थियोंको women rights in india women rights in india in hindi यह लेख विशेष मार्गदर्शक रहेगा|)
women rights in india
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जिस देश मे नारी शक्ति को पूजने की परंपरा रही हो वहा उनके साथ होने वाले अपराधों को रोकना सभी की समान जिम्मेदारी होती है | क्या हमारी बहनों को पता है क्या उनके लिए हमारे देश के संविधान (Indian Constitution) ने उनकी स्वतंत्रता, समानता, सन्मानता के लिए उचित प्रावधान कानून के रूप में दिए है ?? हमे generaly उन कानूनी प्रावधान और हमारे हक की हमे ही जानकारी नही होती।
इसके साथ साथ हमारी बहनों को सहते रहने की सलाह परंपरा से दी जाने के कारण अपराध क्या है इनके बारे मे भी पता नहीं होता, मेरा मानना है की कष्टों को सहन करना चाहिए अपराधोंकों नहीं !! जिस में महिलाकी मर्जी नहीं वो और नाबालिक के साथ हुआ हर दुर्व्यवहार अपराध है |
कोई कहेगा की जानकारी ले के भी क्या करेंगे जब अपराध होते है और कानूनी लड़ाई लंबी खिची जाती है, तो उसका क्या फायदा..!! उसका एक फायदा ये की मुजरिम किसी और के साथ अपराध दोहराने से डरेगा और दूसरा ये की हमे जानकारी हो तो हम अपने साथ अपराध रोकने में Confidentaly & Mentaly सजग रहेंगी। अपराध को समज सकेंगी, अपने हक से भी परिचित होंगी, और अपराधी को सजा भी दिलवा सकेंगी |
तथा कार्य स्थल पर निडर हो के अपना महत्वपूर्ण योगदान दे के विकास का हिस्सा बन सकेगी क्योंकि याद रहे मित्रों देश हो या दुनिया नारी शक्ति आधी आबादी है | आधी आबादी के devlopment और Support के बिना सम्पूर्ण विकास अधूरा है | इस लिए हम उन अधिकार और संविधान की नारी शक्ति को दी हुई सुरक्षा भेट को आज के दिन समजने की कोशिश करते है |
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भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को दिए गए कुछ विशेष अधिकार :-
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 धर्म, जाति, लिंग मूल वंश व जन्म स्थान समानता के आधार हैं। अनुच्छेद 15 (3) स्त्रियों के लिए विशेष सुविधाए देता है | अनुच्छेद 19 के तहत महिलाओंको स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है, इसके तहत वे देश मे कही भी आवागमन, व्यवसाय, निवास कर सकती है |
अनुच्छेद 23-24 के तहत महिलाओं के विरूद्ध होने वाले शोषण को नारी गरिमा का भंग मानते हुए और उचित न मानते हुए महिलाओं की खरीद-ब्रिकी, वेश्यावृत्ति के लिए जबरदस्ती करना, भीख मंगवाना इत्यादि अपराध को दंडनीय माना गया है।
अनुच्छेद 39 (क) में आर्थिक न्याय के लिए महिलाओं को जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है | अनुच्छेद 39 (द) में समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रावधान है।
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Special Safety Laws For Women’s :-
महिलाओं को दिए गए विशेष अधिकार :-
(1) CRPC की धारा 160 के तहत, महिलाओं को पुलिस स्टेशन पर पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जा सकता है। महिला के घर पर ही उससे पुलिस महिला कॉस्टेबल या महिला के परिवार के सदस्य या उसकी महिला मित्र की उपस्थिति में पूछताछ कर सकते है। |
(2) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार रेप पीड़िता महिला किसी भी पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। सीमा के बाहर का मामला बता कर इनकार नहीं किया जा सकता। |
(3) महिलाये किसी भी समय अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं और पुलिस उन्हें यह कहकर लौटा नहीं सकती है कि शिकायत काफी देर से की जा रही है। समाज में परिवार की इज्जत, रिश्तेदारों से मिलने वाली धमकी सहित तमाम वजहों से सुरक्षा हेतु यह विशेष सुरक्षा अधिकार महिलाओं को दिया गया है | |
(4) CRPC की धारा 164 के तहत, बलात्कार पीड़िता महिला बिना किसी और की उपस्थिति में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा सकती है। वह चाहे तो महिला पुलिसकर्मी या अन्य पुलिस अधिकारी को अकेले में अपना बयान दे सकती है | यह गोपनीयता का अधिकार दिया गया है | |
(5) पुलिस स्टेशन पर शिकायत करने गयी महिला को फ्री में कानूनी सलाह प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। |
(6)सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार महिलाओं को सूरज ढलने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। महिला कॉस्टेबल की उपस्थिति आवश्यक | |
(7) महिलायें पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने असमर्थ हो तो वह ई मेल या रजिस्टर्ड पोस्ट, इंटरनेट के माध्यम के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। |
(8) किसी महिला की शिकायत पुलिस दर्ज नहीं करती है, तो महिला सीधे कोर्ट जा सकती है। |
(9) (IPC- 228-ए ) किसी भी स्थिति में ना तो पुलिस और ना ही मीडिया महिला की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। |
(10) महिला के साथ रेप जैसे अपराधमे मेडिकल के क्षेत्र में अधिकार | |
(11) किसी भी कंपनी या संस्था में काम करने वाली महिलाओं को शारीरिक शोषण से मुक्ति का अधिकार है। विशाखा मामला नियमनुसार सभी सरकारी या गैरसरकारी संस्थाओं में एक कमेटी तथा उसमे एक महिला का होना अनिर्वार्य है, जो इन मामलों की सुनावाई करे | |
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संविधान के IPC की धाराओ द्वारा महिलाओं को दिए हुए महत्वपूर्ण सुरक्षा अधिकार :-
- IPC की धारा 228 A के तहत, पीड़ित महिला की पहचान गुप्त रखी जाए वैसा न करने पर जुर्माना या 2 साल की कारावास |
- IPC धारा 294 के तहत, सार्वजनिक स्थान पर महिला से की गई अभद्र भाषा, अश्लील हरकत पर पुलिस में मामला दर्ज करवा सकती है और दोष साबित होने पर कारावास या जुर्माना
- IPC धारा 306 के तहत, आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर अपराध पर दोषी को कारावास और आर्थिक दंड भी
- IPC धारा 312-315 के तहत, महिला के मर्जी के बिना किए गए गर्भपात और शिशु हत्या पर सजा का प्रावधान
- IPC धारा 493 के तहत, शादी के नाम पर फ़साने वाले दोषी को सजा , गैर जमानती अपराध
- IPC धारा 498 के तहत, दहेज प्रताड़ना संबंधी दोषी को सजा
महिलाओं के लिए सामाजिक प्रतिरक्षा के तहेत बनाए गए सुरक्षा कानून :-
समय समय पर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए देश मे कई कानून बने, जिसके तहत महिला शक्ति जागरूक और सुरक्षित बनी है | समानता के पक्षधर और समाजसुधारक राजाराम मोहन रॉय के प्रयासों से प्राप्त ‘ सतीबंदी कानून ‘तो आप सभी जानते होंगे … ?? कैसा दौर होगा वो और कैसी असमानता ???
पती के मरण पर पत्नी को जींद चिता पर बैठना होता था | अब वो बाते पुरानी और आपराधिक हुई पर आज भी असमानता की वो जींदा मिसाले है | समाजसुधारक, शासन और सभी के प्रयासोंसे ही एसी गुलामी की बेड़िया टूटती है और टूटी भी है, सो आज की नारी अधिक सुरक्षित, सहज और समान महसूस करती है | जिसमे नीचे दिए हुए कुछ कानून मुख्य भूमिका निभाते हुए महिलाओंको सुरक्षा तथा दोषीओं को दंड प्रदान करते है |
(1)कमीशन ऑफ सती (प्रिवेन्शन) एक्ट, 1987
(2) ‘महिलाओं और लड़कियों के अनैतिक व्यापार का दमन अधिनियम, 1956
(3) परिवार न्यायालय अधिनियम, 1954
(4) विशेष विवाह अधिनियम, 1954
(4) हिन्दु उत्तराधिकारी अधिनियम, 1956 (संशोधन 2005)
(5) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम,1956
(6) प्रसूति प्रसूविधा अधिनियम, 1961 (संशोधित 1995)
(7) दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961
(8) गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971
(9) समान पारिश्रमीक अधिनियम,1976
(10)इन्डिकेंट रिप्रेसेन्टेशन ऑफ वुमेन एक्ट 1986
(11)बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006
(12)घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005
(13) लैगिक अपराधोंसे बालकोंका सरक्षण अधिनियम, 2012 pocso (new amenmend – 2019)
(14) किशोर न्याय (बाल सुरक्षा एवं देखभाल) अधिनियम ,2015 j j act
(15) द सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ विमेन एट वर्कप्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रीड्रेसल बेनिफिट एक्ट, 2013)
(16)मैटर्निटी बेनिफिट (एमेंडमेंट) एक्ट, 2017
सखियों…,आपको जानकारी रहे की अपराध क्या और उनपर दंड के कोनसे प्रावधान होते है, ताकि आपके बीच निडरता कायम रहे | और अपने अपने कार्य, स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल की जिम्मेदारी बिना डरे निभाए, इस और ये मेरा छोटासा प्रयास |
women rights in India इस Article के तहेत हमने Women’s को कुछ महत्वपूर्ण Rights और Safty laws की जानकारी देने की कोशिश की है | MSW,SET,NET, अभ्यर्थियोंको women rights in india यह लेख मार्गदर्शक हो यही अपेक्षा | महिलाओं को समर्पित ये कुछ पंक्तीयां …..
कोमल है मगर, कमजोर नही तू
ठान ले तो, उँचाइयाँ अंबर सी है तू
विवेक से ,सजग और नीडर बन तू
समानता,सक्षमता सब है तूझ मे तू

आज के International women’s Day पर सभी को शुभकामना… |