‘NekiyA’ Poem On Social Work
कहते है की, फरिश्ते का नाम पता नहीं होता, वो उनके काम से पहेचाने जाते हैं। मेरे नजदीकी बुजुर्ग रिश्तेदार के ओपरेशन के वक्त मैं किसी कारणवश जा न सकी..!
मेरी जगह किसी फरीश्तेने उन बुजुर्ग के सर हाथ फेर वात्सल्य का आदर्श प्रस्तुत किया। तो हमारी कलम ने उनके आभार में Nekiya’ Poem On Social work ये कविता लिख दी…!

नमस्कार दोस्तों..., कुछ लफ्जों को पिरो रहीं हूं , किसी की नेकी को समर्पित…! जिस समाजसेवी बिटीयां ने, वात्सल्य का फर्ज अदा किया.....!!(1) कहते है की, फरिश्ते का नाम पता नहीं होता ...!! आज फिर एक नेकी की दौलत देख, दिल बागबान हो गया...!! अपना न होकर भी वो अपनों का, हक अदा कर गया....!!(2) प्रेम और वात्सल्य के दो शब्द, लूटाकर जादूगर फरिश्ता वो....!! किसी जरूरतमंद के दिल को, ढेर सारा सुकून दे गया....!!(3) बेशक पैसों से चलती है दुनिया, पर सुकून तो भावनाएं देती है....!! प्यार की, वात्सल्य की, नेकी की, सन्मान की, सुरक्षा की, अपनेपन की...!!(4) जबतक रहेगी वात्सल्य की ये भावनाएं, अवश्य बरकरार रहेगी एसी नेकींयाएं.....! समाजसेवी बेटीयोंके उस वात्सल्य को ..!! समर्पित है यह कुछ पंक्तियाँए...!!!(5) - धन्यवाद
Nekiya’ Poem On Social work post पढ़ने के लिए शुक्रिया दोस्तो..! आपको भी किसी के अच्छे कार्य की सराहना करनी हो तो यहां कमेंट कर अवश्य बताएं।
आज भी अच्छाई, सच्चाई, नेक कार्य जिंदा है, और रहेंगे…बस सभी एक दूसरे का साथ दे..! धन्यवाद