नमस्कार दोस्तों, Social work theories मे Social Work Principles को देखना बहुत जरूरी होता है ! क्योंकि इन्हे सीखकर एक msw master of social worker अपनी duties को अच्छे से निभा सके ! Social work skills सीखने मे ये Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत बहुत अच्छे से help करते है ! Social Work Principles के बिना Social Worker अपनी responsibilities को पूरी तरह निभा नहीं सकता ! जब हम Social Work Principles को detail मे इस 7 Principles of Social Work समाजकार्य के ७ सिद्धांत Notes द्वारा सीखेंगे तब हुमए इनकी इम्पॉर्टन्स समजेगी
Table of Contents

सामाजिक कार्य सिद्धांत का महत्व/Importance of Social Work Business Principles:-
(1)हर व्यवसाय के कुछ बुनियादी सिद्धांत होते हैं।
(2)ये सिद्धांत सामाजिक कार्य में एक मार्गदर्शक भूमिका निभाते हैं।
(3)इन सिद्धांतों को प्रक्रिया(Process) का मौलिक सलाहकार माना जाता है।
(4)ये सिद्धांत, वे नियम हैं जो कार्यकर्ता के व्यवहार का मार्गदर्शन और सहायता प्रक्रिया कैसी होनी वो बताते है।
(5)सिद्धांतों के ढाँचे का पालन करने की संस्कृति और सामाजिक दबाव के कारण व्यक्ति के व्यवहार को अपने-आप नियंत्रित किया जा सकता है।
(6) एक व्यवसाय के मूल सिद्धांतों का पालन व्यवसाय की गुणवत्ता को बढ़ाता है
(7)जो व्यक्ति उनका पालन करता है उसे हमेशा सम्मानजनक व्यवहार मिलता है।
(8)सिद्धांत जीवन की आचार संहिता होती हैं।
Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत निम्न लिखित detail मे पेश किए है ! ताकि student अच्छे से इस msw master of socialwork की concept को समज सके, और अपने career मे growth कर सके!
Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत


(1) स्वीकृति का सिद्धांत/principle of acceptance:-
स्वीकृती अर्थात सेवार्थी से उसकी वर्तमान स्थिति के अनुसार ही व्यवहार करके उसकी परिस्थिति के अनुरूप ही उसके विषय में कोई विचार बनाया जाना चाहिए। जिस स्थिति में भी वह हो उसी स्थिति में उसका स्वीकार किया जाना चाहिए। कार्यकर्ता और सेवार्थी दोनों को एक दूसरे को स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए। समाज कार्य में सेवार्थी और कार्यकर्ता दोनों को एक दूसरे का स्वीकार करना चाहिए।
कार्यकर्ता को सेवार्थी की किसी भी नैतिक या अनैतिक किसी भी स्थिति का ध्यान रखें बिना उसे उसकी समस्या के समाधान में सहायता करनी चाहिए। उसके कपड़े अच्छे हैं या नहीं है, उसका बोलने का लहजा उसकी सोच इन सारी बातों का पूर्वाग्रह रख कर समाज कार्यकर्ता अपना कार्य ठीक से नहीं कर सकता।
इसलिए उसे निष्पक्षता की भूमिका के साथ सेवार्थी का स्वीकार करना चाहिए। सेवार्थी को विश्वास होगा तभी वह कार्यकर्ता को सहयोग करेगा और इसके लिए उसे एक विशेष प्रक्रिया अपनानी होती है।
सामाजिक कार्यों में व्यक्ति को जो समस्या है, उसे स्वीकार करना बहुत जरूरी है। सामाजिक कार्य में व्यक्ति को उसकी सभी सीमाओं के साथ स्वीकार किया जाता है। वह कितना करीब-दूर, दोस्त, मेहमान, है वह सब नहीं देखा जाता। केवल व्यक्ति और उसकी गुणवत्ता पर जोर देकर उसका स्वीकार किया जाता है।
सेवार्थी को किस बात की समस्या है, केवल उसपर ही ध्यान दिया जाता है। सेवार्थी का समाजकार्य के सिद्धांत स्वीकृति नुसार कार्य नहीं किया तो कई बार समस्याग्रस्त व्यक्ति को कम आका जाता है, उसके साथ बुरा सलूक हो सकता है। उसेही दोषी मान उसकी समस्या अनसूलझी रह जाती है, इसलिए सेवार्थी जिस भी हालात में हो उसे स्वीकृत करना Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत का प्रथम सिंद्धात है।
(2) वैयक्तिकरण का सिद्धांत/principle of individualization:-
प्रत्येक व्यक्ति की एक स्वतंत्र प्रकृति और क्षमता होती है। उसकी अपनी-अपनी राय होती है। हर एक व्यक्ति एक दूसरे से अलग होती हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी की स्थिति अलग होती है। जीवन की घटनाएं और अनुभव अलग होते हैं। एक व्यक्ति का व्यक्तित्व दूसरे के समान हो सकता है। लेकिन वे समान नहीं हो सकते हैं। यह सब उनके पारिवारिक वातावरण और आनुवंशिकता पर निर्भर करता है।
प्रत्येक व्यक्ति का समाजीकरण विभिन्न स्थितियों में होता है। प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग व्यक्तित्व, प्राथमिकताएं, आदतें, परिवेश, मित्र, रिश्तेदार, सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति, परंपराएं, संस्कृति, मूल्य, सपने, महत्वाकांक्षाएं, दृष्टिकोण, व्यक्तिगत सीमाएं, पक्ष आदि होते हैं। इस सब को ध्यान में रखते हुए किसी के साथ सहयोग करते समय वैयक्तिकरण के सिद्धांत की आवश्यकता होती है।
यद्यपि समस्या एक स्थान से दूसरे स्थान पर और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। समस्या की प्रकृति, सीमा और गंभीरता हर व्यक्ति में भिन्न होती है । समस्या एक जैसी होने पर भी व्यक्ति के अनुसार समाधान बदलना पड़ता है। इस सिद्धांत को वैयक्तिकरण का सिद्धांत कहा जाता है।
प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार होता है कि वह अपनी रूचि के अनुसार विकास करें। ईस सिद्धांत के अंतर्गत कार्यकर्ता यह स्वीकार करता है कि, प्रत्येक व्यक्ति में कुछ ऐसी योग्यताएं होती है जो दूसरों से मिलती है। फिर भी व्यक्ति की कुछ अद्वितीय विशेषताएं होती हैं जो दूसरों में नहीं पाई जाती है।
वैयक्तीकरण का सिद्धांत मानव गरिमा पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमताओं और स्थितियों के आधार पर विशिष्ट होता है। उसकी तुलना किसी अन्य के साथ नहीं की जा सकती। ईस Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत के द्वितीय सिद्धांत नुसार समाजकार्य प्रत्येक व्यक्ति को विशिष्ट मानता है।
(3) गोपनीयता का सिद्धांत/Principle of Secercy :-
सामाजिक कार्य व्यवसाय में सामाजिक कार्यकर्ता को Client को सूचना का प्राथमिक स्रोत मानना चाहिए और Client से अधिक से अधिक जानकारी इकठा करनी चाहिए। Client से उपलब्ध जानकारी को केवल उसके साथ काम करने वाले व्यक्ति, संगठन आदि के लिए गोपनीय रखा जाना चाहिए।
किसी भी व्यवसाय में, गोपनीयता बनाए रखना एक व्यावसायिक रणनीति है। जब सामाजिक कार्यकर्ता और Client के बीच एक अच्छा समायोजन संबंध स्थापित होता है, तो व्यक्ति का विश्वास मजबूत होता है और वह कार्यकर्ता को अपने जीवन के कई रहस्य बताता है।
जो वो अक्सर किसी को नहीं बताता। या ऐसा करना उसके व्यक्तित्व को खतरे में डाल सकता है। इसलिए वह इस राज को केवल कार्यकर्ता के साथ साझा करता है।अगर कार्यकर्ता उसे प्रकट करेंगा तो Client के जीवन की शांति नष्ट हो जाएगी। ईसिलीए सेवार्थी ने बताई गई जानकारी गोपनीय रखी जाती है।
अगर एसी कोई बात हो, जिससे कि सेवार्थी की समस्या का समाधान करने के लिए उसे किसी अन्य विशेषज्ञ से सलाह refer करना जरूरी लगे तो उस बात के बारे में क्लायंट से समक्ष रूप से सब स्पष्ट कर अर्थात क्लायंट की अनुमति से बातें साझा करने का विशेष महत्व Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत के तृतीय सिद्धांत मे बताया गया है ! सामाजिक प्रतिष्ठा, पारिवारिक शांतता, और वैयक्तिक सम्मान के मूलभूत हक्क को अबाधित रखने में यह गोपनीयता का सिद्धांत महत्व का कार्य निभाता है।
(4) आत्मनिर्णय का सिद्धांत/Principles of self-determination
व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व विकास के लिए स्वयं निर्णय लेने में सक्षम होने की आवश्यकता होती है। सोशलवर्क service मे समस्याग्रस्त व्यक्ति को अपने निर्णय लेने के लिए सशक्त किया जाता है। उसे अपनी जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाता है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने क्लायंट को स्वतंत्र और सामान्य तरीके से सोचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें अपने समस्या जड़ित मुद्दे और स्थिति पर विचार करके निर्णय लेने के लिए तैयार करना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने क्लायंट को मुद्दों से संबंधित उपकरणों से अवगत कराना चाहिए । ताकि वह सक्षम होकर सही तरीके से और जल्द गति से स्वयं निर्णय प्रक्रिया मे प्रगति कर सके। समाज कार्य का यह सिद्धांत सेवार्थी के आत्म निर्णय के अधिकार पर बल देता है।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए सर्वोत्तम का चयन करने का अधिकार होता है। इस दिशा में यह सिद्धांत हमें मार्गदर्शन करता है। समाज कार्य के Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत के इस सिद्धांत का यह कहना है कि कार्यकर्ता सेवार्थी को समस्या समाधान के प्रत्येक पद पर आत्म निर्णय का अधिकार देता है । तथा कभी भी अपने निर्णय को उसके ऊपर आरोपित करने की कोशिश नहीं करता। उसे अपने निर्णय लेने के बारे में पूर्णता: स्वतंत्र अधिकार देता है ।
(5) अनिर्णयात्मक मनोवृत्ति/Non-Judgemental Attitude:-
सामाजिक कार्यकर्ता के लिए इस Principal को ध्यान में रखना बहोत जरूरी होता है, क्योंकि सामान्य तौर पर हर व्यक्ति को, हर मामले में अपनी राय जल्द ही व्यक्त करने की आदत होती है।पिछले अनुभव के आधार पर किसी पर दोषारोपण करना, उसे कम करके आंकना, बिना जाने उसकी राय बनाना यह सब गलत होता है।
सहायक को कभी भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसे विचारों से सहायक client को स्वीकार नहीं करता और स्वयं न्यायाधीश का तराजू बन जाता है। जिस वजह से client अपनी समस्या खूलकर बोल नहीं पाता, ना ही वह सहायक का स्वीकार करता है।
उसे लगता है कि, उसकी परेशानी दूर नहीं होगी। वह झूठी जानकारी भी दे सकता है, तो समस्याएं दूर नहीं होती हैं। बल्कि सहसंबंध भी स्थापित नहीं हो पाते हैं। फिर Counseling की प्रोसेस आगे बढ़ नहीं पाती। इसलिए सहायकने कभी भी स्वयं निर्णय नहीं लेना चाहिए।
सेवार्थी को संपूर्ण सूनने के पश्र्चयात ही किसी भी नतीजे और उपचार पर पहोंचना चाहिए। Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत के इस principal से प्रोफ़ेशनल को समस्या के विषय में कोई भी अतार्किक व अवैज्ञानिक निर्णय लेने से रोकता है। जिस लिए इस नियम का पालन प्रोफ़ेशनल ने अवश्य करना चाहिए।
(6) Controled Emotional Involvement/ नियंन्त्रित संवेगात्मक संबंध :-
सामाजिक कार्य में व्यक्तिगत मुद्दों पर काम करते समय, सामाजिक कार्यकर्ता व्यक्तिगत स्तर पर सेवार्थी के संपर्क में आता है। समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति उदास, निराश होता है। उसकी भावनाओं के अनुरूप व्यक्त होना महत्वपूर्ण होता है, तभी कार्यकर्ता संवेदनशील दिमाग से समस्या से निपट सकता है।
से्वार्थी के दुख में उसको आधार देने के लिए, प्यार और सहानुभूति के चार शब्द कह देना, इतना ही फर्ज बनता है। लेकिन अगर प्रोफेशनल उनके दुख में रोते रहे, तो सेवार्थी की समस्या छुटने के बजाय स्वयं कार्यकर्ता समस्याग्रस्त बन जाएगा। इसलिए सीमित भावनात्मक निवेश करना महत्वपूर्ण नियम माना गया है।
Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत का यह सिद्धांत कार्यकर्ता को इस बात के प्रति सावधान करता है कि, सेवार्थी की समस्या को देखकर उससे हम व्यक्तिगत एवं भावनात्मक लगाव का अनुभव न रखने लगे। क्योंकि कार्यकर्ता एक व्यवसायिक व्यक्ति है। इस कारण उसे व्यायसायिक प्रक्रिया का पालन संबंध स्थापन के दौरान करना चाहिए।
(7) Purpose fully expression of feelings & Communication/
भावनाओं की उद्देश्यपूर्ण अभिव्यक्ति और संचार:-
समाजकार्य व्यवसाय में सार्थक संबंध के सिद्धांत का पालन किया जाता है, यह अन्य व्यवसाय में नहीं देखा जाता है। सामाजिक कार्य के क्षेत्र में अच्छे संबंध बनाना और बनाए रखना व्यवसाय और संचार के लिहाज से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। सामाजिक कार्य के हर क्षेत्र में इसे आवश्यक माना जाता है।
सामान्य संबंध सामाजिक संबंध होते हैं जो खुले होते हैं। सेवा खत्म होने तक टीके रहते है। समाज कार्य व्यवसाय में संबंध तभी समाप्त होते हैं जब समस्या, सेवा, समाप्त हो जाती है। किसी व्यक्ति के लिए दिया गया श्रम केवल व्यवसाय में प्रतिबद्धता और उस व्यक्ति की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही किया जाता है।
Client की जरूरतों के आधार पर सहसंबंध बनते हैं। ता की client अपने विचार, भावनाओं को खुलकर रख सके । यह व्यावसायिक संबंध घरेलू संबंधों में प्रतिबिंबित नहीं होते हैं या नहीं होने चाहिए। संबंध स्थापित करने पर ही client अभिव्यक्त हो पाता है। Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत के इस principle से उद्देश्यपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए सहसंबंध बनाना जिसके लिए योग्य संचार communication होना जरूरी होता है।
Let’s Meet 7 Principles of Social Work In MSW सामाजिक कार्य के ७ सिद्धांत को सीखने से आप msw career को पूरी responsibility से निभाएंगे, एसा मेरा मानना है! अगर किसी भी point पर कोई भी doubt हो या और detail से समजना चाहते हो तो हमे नीचे कमेन्ट सेक्शन मे question पुछ सकते है! हम अपने समय अनुसार आपको answer देने का surely try करेंगे !
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