समाजशास्त्रीय संकल्पना/Sociological Concept
सामाजिक कार्य मे समाजशास्त्रीय संकल्पना/Sociological Concept को समजना bachelor of social work means bsw & master of social work means msw के लिए बहुत आवश्यक होता है ! Sociology meaning in hindi को समजने से हम Sociology Concept को अच्छेसे समज सकेंगे ! Social work theories मे हम What is society in sociology, समाज की संरचना, सामाजिक संस्था, समूह, scope of sociology etc. महत्व पूर्ण संकल्पना को Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: इस Notes द्वारा पढ़ेंगे !
Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here:

Table of Contents
(1)समाजशास्त्र में सामाजिक संरचना/social structure in sociology:-
सामाजिक संरचना जैसे, एक जैविक शरीर समझना चाहिए। जैसे शरीर में कान,नाक, आंख, हाथ, पैर ईनकी व्यवस्था होती है वैसे ही सामाजिक संरचना रचित होती है। विविध अंगों का काम जैसे विविध होता है, भीन्न होता है वैसे ही सामाजिक संरचना के स्वरूप होते हैं ।
जो एक प्रतिमान बनाते हैं। सभी सामाजिक संरचना ओं के अंग समान है अर्थात संगठन, अर्थिक संगठन, भूप्रदेश आदि होते हैं, मात्र जैसे शरीर के आकार भिन्न होते हैं, वेसे ही सामाजिक संरचना भिन्न होती है।Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: मे हम Sociology के Structure को detail मे सीखेंगे !
(2)सामाजिक संरचना के तत्व/Principles:-
हरेक रचना के तत्व होते हैं । सामाजिक संरचना में लोक किसी न किसी उद्देश्य से प्रेरित होके संगठित होते है। Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: द्वारा हम सामाजिक संरचना के तत्व को सीखेंगे ! निम्नलिखित कुछ नियम /तत्व / Principles एक आधार का कार्य करते हैं।
(१)आदर्शात्मक प्रणाली:-
इस नियम के अनुसार व्यक्ति, संस्था, एवं समितियों के समक्ष कुछ आदर्श, मूल्य रखें जाते हैं, जिन्हें भावनात्मक रूप से भी स्वीकार कर भूमिकाएं निभाई जाती है।
(२)पदप्रणाली:-
व्यक्ति प्रत्येक भिन्न होती है, उनकी क्षमताए, आकांक्षाएं, इच्छाएं, भी भिन्न होती है। तथा वे असिमीत होती है। व्यक्ति की योग्यताओं के अनुसार विभिन्न भूमिकाएं निर्दिष्ट की जाती है। यही पदप्रणाली होती है।
(३)शास्ति प्रणाली:-
सामाजिक संरचना की इस प्रणाली द्वारा अनुशासन, दण्डित किया जाता है। सामाजिक आदर्श, नियमों के पालन में उल्लंघन पर उनके दोष के स्वरूप समाज द्वारा दण्डित किया जाता है। तथापि सुसंगठित समाज में उल्लंघन कर्ता एक अनिवार्य तत्व हैं पर उनकी संख्या कम होती है। इस शास्ति प्रणाली की प्रभावशालीता सामाजिक स्थिरता तय करती है।
(४)पूर्वानुमानित अनुक्रिया प्रणाली :-
ये प्रणाली समाजिक सहभाग का पक्ष रखती है। सामाजिक संरचना को गतिशील बनाना पूर्वानुमानित अनुक्रिया प्रणाली द्वारा होता है।
(५)क्रिया प्रणाली:-
क्रिया प्रणाली सामाजिक संरचना का ध्येय , उद्देश्य है। सामाजिक संरचना को गति प्रदान कर सामाजिक संबंधों को भूनकर गतिशील क्रिया प्रणाली सामाजिक संरचना का मुख्य तत्व हैं।
(3)सामाजिक संरचना की विशेषताएं/Charectristics of social stucture:-
Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: समाजशास्त्रीय संकल्पना के अंतर्गत सामाजिक संरचना की विशेषताएं / Charectristics of social stucture को निम्नलिखित तरीके से सीखेंगे !
(१) सामाजिक संरचना के एक-एक संस्थाएं और समितियां होती है।
(२) सामाजिक संरचना एक अमूर्त और अस्पर्शय घटना – वस्तु है।
(३) सामाजिक संरचना की में संस्था और समितियों की क्रमबद्ध रचना होती है।
(४) समाज के बाह्य स्वरूप को दर्शाती है।
(५) सामाजिक संरचना जिवीत और समय के साथ परिवर्तित होती है।
(4)सामाजिक संस्था/social institution in sociology:-
मानव समाजप्रिय व्यक्ति होता है। व्यक्ति समाज व्यवस्था में रहती है। भिन्न भिन्न समूह में रहते हुए , भिन्न – भिन्न आदर्श, तत्वों को, नियमों को मानते हुए समाज की संरचना स्थापित होती है। सामाजिक संरचना का मुख्य हिस्सा सामाजिक संस्थाएं होती है। Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: मे हम सामाजिक संस्था के बारे में कुछ वैज्ञानिकों की व्याख्याए को देखते है, ताकि हम detail मे समज सके, वो निम्नलिखित हैं।
ग्रीन के अनुसार
“एक संस्था अनेक जनरीतियों और रूढ़ियों का ऐसा संगठन होता है, जो अनेक सामाजिक कार्य करता है।”
गिलिन एवं गिलिन के अनुसार,
“एक साझा संस्था सांस्कृतिक प्रतिमानों (जिनमें क्रियाएं, विचार, मनोवृत्तियां तथा सांस्कृतिक उपकरण के सम्मीलित है) का वह क्रियात्मक स्वरूप है, जिसमें कुछ स्थायित्व होता है। और जिसका कार्य सामाजिक आवश्यकताओं को संतुष्ट करना होता है।”
सामाजिक संस्थाएं व्यक्ति को समाज में हिन्दू भिन्न परिपेक्ष प्रदान करती है।मैकाइवर एवं पेज के मतानुसार कुछ विशिष्ट संस्थाएं एसी होती है जो कई प्रकार की समितियों से मिलती है। जिसमें सदस्यता का प्रयास, अधिकार क्षमता, और कुछ विशिष्ट समितियां होती है।
(5)सामाजिक संस्था की प्रमुख विशेषताएं/Charectristics of social institution:-
सामाजिक संस्था प्रमुखता से परिवार, अर्थ, धर्म, शिक्षा, राज्य इन पांच प्रकार की होती है। Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: notes मे हम सामाजिक संस्था की प्रमुख विशेषताएं /Charectristics of social institution को निम्नलिखित तरीके से विस्तार से indetail सीखेंगे
(१) हर सामाजिक संस्था के निश्चित उद्देश्य और नियम होते हैं।
(२) संस्था में सामूहिक अभिमति का होना आवश्यक होता है जिससे संस्था की प्रभावशालीता बनी रहती है।
(३) स्थायित्व यह संस्था की प्रमुख विशेषता है। व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा करती संस्थाएं दीर्घ समय तक स्थापित रहती है।
(४) हर सामाजिक संस्था के कुछ प्रतिक होते हैं। जैसे हिन्दू धर्म संस्था के ॐ ख्रिश्चन धर्म संस्था का क्रोस का निशान। इस तश्रह प्रतिक होते है।
(५) सामाजिक संस्थाएं अमूर्त होती है। व्यक्तियों का समूह ने हो के नियमों का कार्यविधि की व्यवस्था होती है। इसलिए अमूर्त होती है।
(६) सामाजिक संस्था सामूहिक प्रयास कहलाती है। व्यक्ति की नहीं अपितु सामूहिक संस्था के लक्ष्यों को पूरा करती है।
(७) संस्कृति की निर्मिती संस्था ओ द्वारा होती है। भिन्न भिऊ विचार , व्यवहार, मान्यता ,परंपराएं निभाती ये संस्थाएं नई संस्कृति का निर्माण करती है।
(6)सामाजिक संस्थाओं के कार्य/Functions of social institutions:-
सामाजिक संस्था के कार्य को detail मे जानने पर हम Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: notes के इस महत्व पूर्ण concept को direct समज सकेंगे ! Functions of social institutions के द्वारा संस्था के अस्तित्व का importance clear होगा ! निम्नलिखित तरीके से कार्य /Functions को सीखते है !
(1) नियंत्रण :-
सामाजिक संस्थाए जैसे परिवार, स्कुल, विवाह संस्था, राजनीतिक दल, कोलेजेस, व्यापार, धर्म आदी संस्थाओं द्वारा व्यक्ति के वर्णन पर नियंत्रण रहता है। हरेक संस्था के कुछ नियम, बंधन/Rules होते हैं, जिसके तहत नियंत्रण स्थापित करनेका कार्य सामाजिक संस्था द्वारा होता है।
(2) संस्कृति की वाहक :-
सामाजिक संस्थाएं संस्कृति की वाहक होती है। एक पिढी से दूसरी पिढी को संस्कृति हस्तांतरित होती है। जैसे महिलाओंका साड़ी पहनना भारत की संस्कृति की वाहक है
(3) सामाजिक परिवर्तन :-
संस्थाएं कभी कभी व्यक्ति के विकास में बांधा बनती है, नियम आदि से जब व्यक्ति अपने को अलग कर लेते हैं तब, उस संस्था में सामाजिक परिवर्तन होता है
(4) आवश्यकताओं की पूर्ति :-
सामाजिक संस्थाओं का प्रमुख कार्य व्यक्तियों की अभिलाषा, इच्छा, आवश्यकताओं को पूरा करना होता है जैसे परिवार में सूरक्षितता, प्रेम, सहयोग आदि आवश्यकताए पूरी होती है।
(7)सामाजिक समूह/social group in sociology:-
मानव समाज शील जीव होता है। वह कभी भी अकेला नहीं रहता है। मनुष्य अपने जीवन में हर रोज नित नये समूह से जूडकर रहता है। समूहों के बीच के संबंध व्यक्ति के व्यक्तित्व पर असर करते होते हैं। समूह का मतलब दो या दो से ज्यादा व्यक्ति ओन के बीच अंतर्संबंध स्थापित हो।
एकता की भावना , सामान्य हित, समान व्यवहार, समूह आदर्श नियम, पारस्परिक संबंध, हम भावना आदि सामाजिक समूह की विशेषताएं होती है। समूह में सहभागिता व्यक्ति की ऐच्छिक होती है तथा समूह अस्थाई होते हैं। कूले ने प्राथमिक तथा गौण समूह से वर्णन किया है । सैण्डरसन ने अनैच्छिक और ऐच्छिक ऐसे वर्णन किया है।
Social work theories/सामाजिक कार्य मे समाजशास्त्रीय संकल्पना/Sociological Concept को Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi : Free Notes Here notes द्वारा समजकर महत्व पूर्ण Social Concept का अभ्यास किया ! bachelor of social work (bsw) & master of social work (msw) career मे Sociological Concept को पूरी तरह जानना important होता है !
सामाजिक कार्य को हिन्दी भाषा मे अनुवादित कर भारत के ज्यादा से ज्यादा BSW, MSW, SET-NET अभ्यर्थी इसका फ्री में लाभ उठा सके यही इस Wish To Study Sociology Meaning & Concept In Hindi ? Free Notes Here: Blog writing का उद्देश्य है …! तथा Social Service को Social Work के Skill & Tool के साथ करने में ये ब्लॉग समाज सेवीओं की मदत करेगा ! Social work से संबंधित और भी Free Study Material के लिए दोस्तों https://www.ignouhelp.in/ignou-study-material/ ईस लिंक पर क्लिक करें …..आप अपने विचार, और doubts हमे जरूर comment कर बताइए धन्यवाद !